एनटी न्यूज, लखनऊः लखनऊ के मिशनरी स्कूलों में लेट फीस के हजारों रुपए वसूले जा रहे हैं. कई स्कूलों में फीस बढ़ोतरी कर के जमा कर ली है और सरकार को अब फीस बढ़ोतरी न करने का फैसला करने की याद आई है. ऐसे में जो अभिभावक फीस जमा कर चुके हैं, उनके लिए सरकार की क्या नीति है, इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया है.
लखनऊ में बहुत कम हुए नये कोविड केस, यूपी सहित 26 राज्यों में भी काबू में आ रहा है कोरोना
प्रदेश संचालित निजी स्कूलों पर लागू होगा फैसला
उत्तर प्रदेश में निजी विद्यालय शैक्षणिक सत्र 2021-22 में फीस में वृद्धि नहीं कर सकेंगे. प्रदेश में संचालित सभी बोर्डों के सभी विद्यालयों पर ये आदेश लागू होगा. विद्यालय जब तक बंद रहने की अवधि में परिवहन शुल्क नहीं देना होगा. तीन माह की अग्रिम फीस देने में परेशानी होने पर मासिक फीस अभिभावक दे सकेंगे. डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि “यूपी के स्कूल इस सत्र में फीस नहीं बढ़ा सकेंगे, स्कूल में ऑफलाइन परीक्षा नहीं हो रही है तो परीक्षा फीस भी नहीं ली जाएगी. खेल, लैब, लाइब्रेरी, कम्प्यूटर, वार्षिक फंक्शन जैसी गतिविधियां नहीं हो रही हैं तो उनका शुल्क भी नहीं लिया जा सकेगा”.
भीमताल और नैनीताल की हसीन वादियों में लीजिये अपना शानदार घर, कीमत भी बहुत कम
मगर अभिभावकों पर पड़ रहा फीस का दबाव
दूसरी ओर अभिभावकों पर फीस का दबाव बढ़ने लगा है. खासतौर पर सबसे अधिक मिशनरी स्कूलों में हो रही है. जहां लेट फीस के तौर पर सिस्टम के जरिये हजारों रुपए की अतिरिक्त फीस वसूली की जा रही है. हालांकि शिक्षा माफियाओं के स्कूलों ने अभिभावकों से ऑनलाइन फीस वसूल ली है. सरकार अब जागी है. सत्र अप्रैल से शुरू हो चुका है.
ये है इजरायल का बदला : 52 जहाजों ने आधा घंटे तक गाजा में 40 ठिकानों पर लगातार बरसाए बम
Be the first to comment on "जब स्कूलों ने बढ़ा ली फीस, हजारों रुपए लेट फीस भी ले रहे, तब सरकार बोली नहीं बढ़ेगी फीस"