अगर नर्स की चूक न पकड़ी जाती तो क्रिकेटर नहीं मछुआरे होते सुनील गावस्कर

एनटी न्यूज़,लखनऊ : क्रिकेट में लिटिल मास्टर कहे जाने वाले सुनील गावस्कर का जन्म दिन आज है. बचपन में उनके चाचा ने ध्यान नहीं दिया होता तो सुनील गावस्कर एक महान क्रिकेटर नहीं बल्कि मछुआरे होते. Sunil Gavaskar Birthday सुनील गावसकर ने अपनी आत्मकथा ‘सनी डेज़’ में इस बात का ज़िक्र किया है. उनके जन्म के समय उनके अनेक रिश्तेदार अस्पताल में मौजूद थे. उनके चाचा नारायण मासुरकर की नज़र तेज़ मानी जाती थी. ‘नन- काका’ उन्हें गोद में लेकर ग़ौर से देखा था.

अगले दिन जब चाचा दोबारा अपने भतीजे से मिलने आए तो गोद में सुनील को उठाते ही चौंक पड़े. बच्चे के कान के पास तिल नहीं था जो उन्होंने पहले दिन देखा था. उन्होंने शोर मचा दिया और सब लोग उन्हें ढूंढने लगे. गावस्कर एक मछुआरे की पत्नी के पास सोते हुए मिले. अस्पताल की नर्स ने गलती से उन्हें वहां सुला दिया था. गावस्कर का कहना है कि शायद नहलाते समय वह बदल गए थे. चाचा ने नहीं देखा होता तो टेस्ट क्रिकेट आज उतना समृद्ध नहीं होता. Sunil Gavaskar Birthday

10 जुलाई 1949 को जन्मे सुनील गावस्कर आज 73 साल के हो गए. इन्होंने बल्लेबाज़ी से संबंधित कई कीर्तिमान स्थापित किए. गावस्कर ने (अपने समय काल में) विश्व क्रिकेट में 3 बार, एक वर्ष में एक हज़ार रन, सर्वाधिक शतक (34), सर्वाधिक रन (नौ हज़ार से अधिक), सर्वाधिक शतकीय भागेदारियाँ एवं प्रथम श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वाले एकमात्र बल्लेबाज थे। Sunil Gavaskar Birthday

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‘सनी’ गावस्कर की हर पारी एवं रन ऐतिहासिक होते हैं। उन्होंने भारतीय टीम का कुशल नेतृत्व किया और कई महत्त्वपूर्ण विजयें प्राप्त कीं, जिनमें ‘एशिया कप’ एवं ‘बेसन एंण्ड हेजेस विश्वकप’ (BENSON & HAZES WORLD CUP) प्रमुख है। ‘क्रिकेट के आभूषण’ कहे जाने वाले गावस्कर ने एक दिवसीय मैचों में भी अपनी टीम के लिए ठोस आधार प्रस्तुत किया है। वे 100 कैचों का कीर्तिमान भी इंग्लैंड में बना चुके हैं।

1986 में उनके खेल जीवन का उत्तरार्द्ध होने के बाद भी उनके खेल में और निखार आया। अपने कॉलेज की ओर से क्रिकेट खेलते समय भी वे सबसे सफल बल्लेबाज माने जाते थे। 1971 में उन्हें टैस्ट टीम के वेस्टइंडीज दौरे के लिए चुना गया था। सनी को विश्व का सर्वोपरी खिलाड़ी माना जाता है।”

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