एनटी न्यूज़, लखनऊ : समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता की तरह आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट कर ने की वजह से न्यूज़ स्टेट चैनल से निकाले गए पूर्व पत्रकार अनिल यादव एक बार फिर अपने जातिवादी एजेंडे पर लग चुके हैं. उत्तर प्रदेश सरकार यूपी पुलिस की नजर उनके उस वीडियो पर है जिसमें वे पूर्वांचल के कावड़ यात्रियों से उनकी जाति पूछ कर जातिवाद को बढ़ावा देते हुए नजर आ रहे हैं.
अनिल यादव का वीडियो करीब 2 साल पुराना है. इसको हर बार कावड़ यात्रा के दौरान वायरल किया जाता है. (Kanwad yatra & Samajwadi party) वीडियो के माध्यम से अनिल यादव यादव यह दर्शाना चाहता है कि कावड़ यात्रा करने वालों में सवर्ण जाति के लोग नहीं शामिल होते हैं. केवल पिछ्ड़े और अनुसूचित जाति के लोग ही इस यात्रा में शामिल होकर हिंदू धर्म का ठेका लिए हुए हैं.
इस वीडियो को अब समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह ने भी ट्वीट करके इस जातिवाद के जहर को और घोलने का प्रयास किया है. उत्तर प्रदेश पुलिस और गृह विभाग स्क्विड को लेकर सजग है. इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
गौरतलब है कि अनिल यादव करीब 6 महीने पहले न्यूज़ स्टेट चैनल में बतौर संवाददाता काम कर रहे थे. यहां वे समाजवादी पार्टी का कार्यक्षेत्र देखते थे. लंबे समय से वे पत्रकारिता धर्म का पालन करके समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता की तरह खबरों पर काम करते थे. कई बार जब अनिल यादव जब अपनी पक्षपात पूर्ण खबरों को चैनल में नहीं दिखा पाते थे दो अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए उन को वायरल कर देते थे. ऐसी ही एक फ़र्ज़ी खबर के मामले में अनिल यादव का न्यूज़ नेशन चैनल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. (Kanwad yatra & Samajwadi party) इसके बाद में एक और फर्जी खबर के मामले में अनिल यादव पर मुकदमा हुआ और वह जेल भी गया. इसके बावजूद समाजवादी पार्टी की शह पर वह लगातार समाज में जहर बोलने के लिए प्रयास करता रहा है.
गंगा में किया प्रदूषण का खेल तो जाएंगे जेल
2 साल पहले न्यूज़ नेशन में रहते हुए उसने कावड़ यात्रियों का एक आपत्तिजनक वीडियो बनाया था जिसमें वह लगातार कावड़ यात्रियों से उनकी जाति के विषय में पूछ रहा था. वह यह जताने का प्रयास कर रहा था कि केवल अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के लोग ही कावड़ यात्रा में जाते हैं और हिंदू धर्म के शोषण का शिकार होते हैं. हर बार कावड़ यात्रा के दौरान जहां वीडियो वायरल किया जाता है. इस बार समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आई पी सिंह ने इस वीडियो को वायरल किया है. जिसके बाद में कावड़ यात्रा को जातिवाद से जोड़ा जाने लगा है. ट्विटर पर अनेक लोगों ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस से शिकायत की है. जिस पर पुलिस की नजर बनी हुई है माना जा रहा है कि निकट भविष्य में इस मामले को लेकर बड़ी कार्रवाई हो सकती.
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