नहीं रुकेगा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- यह राष्ट्रीय महत्व से जुड़ा है

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट

एनटी न्यूज़. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट राष्ट्रीय महत्व से जुड़ा हुआ प्रोजेक्ट है. इसे अलग रखकर नहीं देखा जा सकता है. अपनी इसी टिप्पणी के साथ दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. (Delhi High Court on Central Vista Project) इसके साथ ही हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) पर निर्माण कार्य को रोके जाने का निर्देश देने से इनकार करते हुए कहा कि अगर मजदूर निर्माण स्थल पर ही रह रहे हैं तो उस पर रोक का कोई सवाल नहीं उठता है.

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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिका दायर करने वाले पर एक लाख का जुर्माना

दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्दार्थ लूथरा ने कहा था कि वर्तमान संकट के माहौल में निर्माण में लगे मजदूरों का स्वास्थ्य खतरे में है. उन्होंने कहा था कि 4 मई को जब याचिका दायर की गई थी उस समय दिल्ली में स्थिति काफी भयानक थी. लूथरा ने केंद्र सरकार की उस दलील को गलत बताया जिसमें कहा गया था कि निर्माण स्थल पर मजदूरों के लिए चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं और वहां कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने झूठा हलफनामा दाखिल किया है.

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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के खिलाफ याचिका परियोजना को रोकने के लिए एक और प्रयास 

सुनवाई के दौरान केंद्र ने द‍िल्‍ली हाईकोर्ट में कहा क‍ि परियोजना के निर्माण को रोकने की मांग करने वाली याचिका ‘कानून की प्रक्रिया का सरासर दुरुपयोग है और परियोजना को रोकने के लिए एक और प्रयास है.’  केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि 19.04.2021 के डीडीएमए आदेश के अनुसार, कर्फ्यू के दौरान उन निर्माण कार्यों की अनुमति है जहां मजदूर निर्माण स्थल पर ही रहते हैं. केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई में पक्ष रखा.

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याचिकाकर्ता सनसनी पैदा करना चाहते हैं

सेंट्रल विस्टा का निर्माण कर रहे शापूरजी पलोनजी की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. याचिकाकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पता है. लेकिन उसके बावजूद ये याचिका दायर कर रहे हैं. याचिकाकर्ता यह कहकर सनसनी पैदा करना चाहते हैं कि सेंट्रल विस्टा कोरोना हब है और लोग मर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि आधे राजपथ की खुदाई हो चुकी है. अगर उसमें पानी भरने दिया गया तो उसके आसपास के इलाके इसमें आ गिरेंगे. अगर हम गणतंत्र दिवस मनाना चाहते हैं तो हम इसमें देरी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा था कि इस निर्माण के लिए कोरोना से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने पांच जनवरी को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी

गौरतलब है कि कि सुप्रीम कोर्ट ने पांच जनवरी को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी. तीन जजों की बेंच ने 2-1 के बहुमत से फैसला सुनाते हुए सेंट्रल विस्टा के लिए जमीन का डीडीए की तरफ से लैंड यूज बदलने को सही करार दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण क्लीयरेंस मिलने की प्रक्रिया को सही कहा था.

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