अस्पतालों में कोविड वार्ड में तैनात नर्सिंग स्टॉफ को एक्टिव क्वारेंटीन, भोजन बंद
मगर एसजीपीजीआई में आने वाले वीआइपी मरीजों का इलाज और खाना मुफ्त
एनटी न्यूज, लखनऊः जिनके सम्मान में पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर ताली और थाली बजाई गई. जिन पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए थे. जिनका सम्मान पूरा देश कर रहा था मगर अब माहौल बदल गया है. हजारों फ्रंट लाइन वारियर्स को दी जा रहीं अनेक सुविधाएं बंद हैं और खतरा पिछले साल से ज्यादा है. पहले एक्टिव क्वारेंटीन की सुविधा के तौर पर नर्सिंग स्टाफ को होटल में रहना और निशुल्क भोजन मिलता था, वह बंद हो चुकी है. उनको ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलती थी, वह भी बंद की जा चुकी है. मगर मजे की बात ये है कि संजय गांधी पीजीआई जैसे अस्पताल के कोविड वार्ड में बड़े घरों के वीआइपी मरीजों के लिए निशुल्क इलाज और भोजन की व्यवस्था है. जबकि नर्सों और अन्य फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स को अपने लिए खुद भोजन का इंतजाम करना पड़ रहा है.
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पिछले दिनों पीजीआई नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन की ओर से आयोजित शपथग्रहण समारोह में ये मांगें उठाई गई थीं. जिसके बाद में देर रात में ड्यूटी ऑफ करने वाले स्टाफ को क्वारेंटीन की थोड़ी सुविधा तो उपलब्ध करवाई गई है मगर उनके भोजन का कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है. यही हाल पूरे राज्य के अलग अलग कोविड सेंटर में काम कर रहे लाखों नर्सिंग स्टाफ का है, जिनको मिलने वाली अनेक सुविधाएं बंद की जा चुकी हैं.
इस तरह की सुविधाएं दी जा रही थीं पिछले साल
पिछले वर्ष फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स को थ्री स्टार स्तर के होटलों में ड्यूटी के बाद एक्टिव क्वारेंटीन की सुविधा दी गई थी.
यहां से अस्पताल लाने और ले जाने की सुविधा प्रशासन की ओर से दी जा रही थी.
सुबह नाश्ता चाय और दो वक्त का अच्छा भोजन निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा था.
मगर कोरोना के वीआइपी ट्रीटमेंट में कोई कमी नहीं
कोरोना योध्दाओं के लिए भले ही कमियां छोड़ी गई हों मगर एसजीपीजीआई में आने वाले वीआइपी मरीजों के लिए सबकुछ निशुल्क है. महंगी दवाएं, बेड चार्ज और यहां तक की भोजन का इंतजाम भी अस्पताल प्रशासन की ओर से किया जा रहा है. ऐसे में लगातार ये सवाल कोरोना योध्दाओं की ओर से उठाया जा रहा है कि आखिर उनके हिस्से की सुविधाएं उनको कब मिलेंगी.
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री तक है जानकारी
इस मामले में पिछले दिनों नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन के शपथग्रहण समारोह के बाद उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष लाल जी प्रसाद निर्मल की ओर से चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना को पत्र लिखा गया था, मगर उस पत्र के बावजूद कोरोना योध्दाओं के लिए सरकार की ओर से अब तक कोई इंतजाम नहीं किया गया है.
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