फैमिली बाजार तो बस नजीर है, ये रेट है एलडीए में अवैध निर्माण की सील तोड़ने का

एनटी न्‍यूज, लखनऊः गोमती नगर में सील इमारत के भीतर फै‍मिली बाजार खोलना एक नजीर है. शहर भर में ऐसे हजारों निर्माण हैं जो कि सील होने के बावजूद आसानी से संचालित हैं, उनमें पानी और बिजली के कनेक्‍शन हैं, लोग रह रहे हैं. कारोबार चल रहे हैं. मगर कोई चू भी नहीं कर सकता है. अनेक कोशिशों के बावजूद अवैध निर्माण रोक पाना किसी के लिए भी संभव नहीं हो पा रहा है. हम बताते हैं कि ऐसा हो क्‍यों रहा है क्‍योंकि निर्माण के हिसाब से इंजीनियरों के रेट तय हैं. ताकि आसानी से निर्माण होता रहे और इंजीनियरों का पेट भी भरता रहे.

किस तरह से होता है अवैध निर्माण का सौदा

अवैध निर्माण का होना या न होना निर्भर करता है कि आपने क्षेत्रीय सुरपवाइजर और अभियंता से कैसे रिश्‍ते निभाए हैं. सबसे पहले एलडीए का सुपरवाइजर इलाके में हो रहे निर्माण की जानकारी जेई को देता है. जेई उस निर्माण के हिसाब किताब को समझते हैं और सबसे पहले मौके पर निर्माणकर्ता को काम रोकने की चेतावनी दी जाती है और सुपरवाजइर इंजीनियर से मिलने की हिदायत करता है. इंजीनियर से मुलाकत के बाद पहले तो सख्‍ती का पाठ पढ़ाया जाता है, जब निर्माणकर्ता पूरी तरह से नतमस्‍तक हो जाता है तब रेट बताया जाता है, जिसमें सौदे की शर्त ये होती है कि शिकायतकर्ता को तो उनको ही सेट रखना पड़ेगा. मजबूत शिकायत होने की दशा में कार्रवाई हो जाएगी. जब रेट फाइनल हो जाते हैं तो उसके बाद में एक दिखावे की नोटिस काटी जाती है. ताकि अभियंता की नौकरी बची रहे और मौका पड़ने पर वह नोटिस दिखा दिया जाए. इसके बाद भी अगर कार्रवाई करनी पड़ी और बिल्‍डिंग सील हो गई तो ऐसे निर्माण को भी जारी रखने के तरीके हैं. मगर सील बिल्डिंग में निर्माण करने के लिए बिल्‍डर को न केवल एलडीए बल्कि स्‍थानीय पुलिस को भी सेट करना पड़ता है.

इस तरह से तय होता है रेट

रेट तय करने के कई तरीके हैं. निर्माण कामर्शियल है या रेजीडेंशियल है. किसी तरह का नक्‍शा पास है या बिल्‍कुल भी नहीं पास है. इस हिसाब से रेट तय होते हैं. उदाहरण के तौर पर गोलागंज के एक बिल्‍डर से अभियंताओं ने शुरुआत में 50 हजार और माह 20 हजार रुपए एक अपार्टमेंट के निर्माण का मांगा है. ये अपार्टमेंट बहुत छोटा है. जबकि बढ़ते क्षेत्रफल के हिसाब से रेट अलग अलग होते हैं. बड़े निर्माण में ये रेट एकमुश्‍त एक लाख और हर फ्लोर के पड़ने पर 40 हजार है. सील बिल्डिंग में निर्माण होने पर रेट इसका लगभग डेढ़ गुना हो जाता है. अगर किसी निर्माण के संबंध में मीडिया दबाव अधिक है तो फिर कुछ दिन निर्माण को रोका जाता है और उसके बाद बढ़े रेट पर दोबारा शुरू करवा दिया जाता है.  

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